
UPSC IAS Story, IAS Sanjeev Hans, Bihar news : नौकरी पा लेना ही सबकुछ नहीं होता, बल्कि उसको बनाए रखना और बेदाग बने रहना बहुत जरूरी होता है. खासतौर से जब आप सरकारी नौकरी में हो. अक्सर ऐसे उदाहरण देखने को मिल जाते हैं. जब सरकारी नौकरशाहों को लेकर एक से बढ़कर एक चौंकाने वाले खुलासे होते हैं. ऐसा ही खुलासा बिहार के एक आईएएस अधिकारी को लेकर हुआ है.
UPSC IAS Story, IAS Sanjeev Hans, Bihar news : बिहार के आईएएस अधिकारी के पास से न केवल आय से अधिक संपत्ति मिली है, बल्कि यह भी बात सामने आई है कि वह जिम्मेदार पद पर रहते हुए घूस में महंगी कारों की डिमांड भी करते थे. इसके अलावा एक महिला पर भी लाखों रूपए लूटाते थे. अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये आईएएस अधिकारी हैं कौन तो आपको बता दें कि यह आईएएस अधिकारी बिहार कैडर के संजीव हंस हैं. संजीव हंस वर्ष 1997 बैच के आईएएस अफसर हैं. वह मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं उन्होंने इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री करने के बाद यूपीएससी की तैयारी की और सफलता पा गए.
सफलता भी ऐसी मिली कि वह आईएएस की श्रेणी में आ गए. जब कैडर अलॉट हुआ, तो उन्हें कैडर मिला बिहार. लिहाजा वह बिहार के आईएएस अफसर बन गए. आईएएस की ट्रेनिंग के बाद संजीव हंस को सबसे पहले बिहार के बांका जिले का एसडीएम बनाया गया और इस तरह उनके प्रशासनिक करियर की शुरूआत हुई. आलम यह रहा कि बिहार के कई जिलों के कलेक्टर के पद पर रहे और प्रमोशन पाते पाते बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, बिहार स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के सेक्रेटरी, सीएमडी के पद तक भी पहुंचे.
पिता को देखकर जगी थी अफसर बनने की तमन्ना
कहते हैं कि युवा उम्र ऐसी होती है, जो अपनी आस पास की चीजों से सीखती है, बहुत कुछ समझती है. ठीक वैसे ही आईएएस संजीव हंस ने भी अपने पिता से काफी कुछ सीखा. उनके पिता राज्य प्रशासनिक सेवा में अधिकारी थे. मतलब वह पीसीएस रैंक के अफसर थे. ऐसे में संजीव ने अपने पिता की तरह अफसर बनने का सपना देखा और अपने सपनों को साकार भी किया, लेकिन धन कमाने की लत ने उन्हें ऐसे भंवर में फंसा दिया कि वह उसी में उलझे नजर आ रहे हैं.
क्या हुआ संजीव हंस के साथ?
आय से अधिक संपत्ति मामले में आईएएस संजीव हंस और उनके करीबियों के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी. इस दौरान डेढ़ करोड़ रुपए का सोना, 87 लाख रुपए नकद और 11 लाख रुपए की चांदी बरामद की गई. अब ईडी की अनुशंसा पर बिहार की विशेष निगरानी ईकाई (SVU)ने आईएएस अधिकारी संजीव हंस और झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में एफआईआर दर्ज की है.
आईएएस को लेकर हुए चौंकाने वाले खुलासे
बिहार के आईएएस संजीव हंस को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए बताया जा रहा है कि जब वह ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव के साथ-साथ बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (BSPHCL) के सीएमडी थे, तब उन्होंने बिहार में स्मार्ट मीटर लगाओ अभियान लागू किया. इस दौरान उन्होंने मीटर लगाने वाली कंपनी से घूस में मर्सिडीज कार ली. संजीव ने चंडीगढ़, गोवा और पुणे आदि जगहों पर प्रॉपर्टी ली है. इसके अलावा संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर एक महिला ने गैंगरेप के भी आरोप लगाए. इस मामले में पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जो खारिज हो गई. अब उसने सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया है. एफआईआर में खुलासा हुआ है कि संजीव हंस अपने संबंधों को छिपाने के लिए महिला को हर महीने दो लाख रुपये का खर्च भी देते थे.