
हिज्बुल्लाह ने इन धमाकों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है जबकि इजरायल ने ना तो इन आरोपों को स्वीकार किया है और ना ही इसका खंडन किया है. इस बीच अमेरिका ने खुद आगे आकर बयान दे दिया कि इस हमले की ना तो उसे जानकारी थी और ना ही उसकी इसमें किसी तरह की संलिप्तता है.
लेबनान में दो दिनों से धमाकों की गूंज सुनाई दे रही है. पेजर से लेकर वॉकी-टॉकी, लैपटॉप, रेडियो और सोलर पैनल सभी में ब्लास्ट हो रहे हैं. निशाना लेबनान का चरमपंथी संगठन हिज्बुल्लाह है और निशानेबाज इजरायल को बताया जा रहा है. लेकिन सवाल है कि क्या इजरायल ने इन हमलों को अकेले अंजाम दिया या कोई और भी है, जिसे इस ऑपरेशन लेबनान की खबर थी?
हिज्बुल्लाह ने इन धमाकों के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है जबकि इजरायल ने ना तो इन आरोपों को स्वीकार किया है और ना ही इसका खंडन किया है. इस बीचअमेरिका ने खुद आगे आकर बयान दिया कि इस हमले की ना तो उसे जानकारी थी और ना ही उसकी इसमें किसी तरह की संलिप्तता है.
सीएनएन की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि इजरायल ने अमेरिका को हमले से पहले बताया था कि वह मंगलवार को कुछ बड़ा करने जा रहा है लेकिन इस योजना की विस्तृत जानकारी अमेरिका को नहीं दी गई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, लेबनान का हमला इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद और इजरायली सेना आईडीएफ का ज्वॉइंट ऑपरेशन था. यह दावा किया गया कि लेबनान में इस हमले से पहले इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने अमेरिका के अपने समकक्ष लॉयड ऑस्टिन को फोन किया था. सूत्रों का कहना है कि हालांकि, इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी अमेरिका को नहीं दी गई थी. लेकिन इससे वाकिफ करा दिया गया था.
कितना भयावह था अटैक?
लेबनान और सीरिया में जिन पेजर में ब्लास्ट हुआ. ब्लास्ट से पहले उनमें कुछ सेकेंड तक बीप की आवाज सुनाई दी. कुछ पेजर जेब में ही ब्लास्ट हो गए जबकि कुछ लोगों ने जैसे ही बीप की आवाज सुनकर पेजर को जेब या बैग से बाहर निकाला, उनमें ब्लास्ट हो गया. कई पेजर लोगों के हाथ में ही फट गए.
इस ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत हुई जिनमें एक छोटी बच्ची भी शामिल थी. ब्लास्ट की वजह से 4000 लोग गंभीर या मामूली रूप से चोटिल हुए थे. कई लोगों के हाथ और पैर क्षतिग्रस्त हो गए. 500 से ज्यादा लोगों को अपनी आंखें गंवानी पड़ी. किसी का धड़ क्षतिग्रस्त हुआ तो किसी के शरीर का निचला हिस्सा धमाके में उड़ गया.
लेबनान में ईरान के राजदूत मोजतबा अमानी को तो एक आंख गंवानी पड़ी जबकि उनकी दूसरी आंख बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. मरने वालों में लेबनानी सांसदों के बच्चे भी हैं और हिज्बुल्लाह के लड़ाकों के परिवार वाले भी धमाकों की चपेट में आ गए.
ठीक इसी तरह बुधवार को वॉकी-टॉकी से लेकर सोलर पैनल, लैपटॉप और रेडियो तक में ब्लास्ट किए गए. इन हमलों में 20 लोगों की मौत हुई जबकि घायलों का आंकड़ा 450 रहा.
मोसाद ने कैसे दिया हमले को अंजाम?
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने हिज्बुल्लाह के खिलाफ मोसाद के खुफिया ऑपरेशन के तहत इन पेजर में के लेबनान पहुंचने से पहले ही इनसे छेड़छाड़ कर दी गई. इन पेजर को इस साल अप्रैल से मई के बीच ताइवान से लेबनान भेजा गया था. इससे लगता है कि इस हमले की साजिश को कई महीने पहले अंजाम दिया गया था.
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, ये पेजर ताइवान की कंपनी के AP924 मॉडल के थे. पेजर की जो खेप ताइवान से लेबनान भेजी गई थी, उनमें हर पेजर पर एक से दो औंस का विस्फोटक लगा हुआ था. इस विस्फोटक को पेजर में लगी बैटरी के बगल में लगाया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, लेबनान में दोपहर 3.30 बजे इन पेजर्स पर एक मैसेज आया. इस मैसेज ने पेजर में लगे विस्फोटक को एक्टिवेट कर दिया.
दावा किया जा रहा है कि पेजर डिवाइसों में विस्फोट से पहले कई सेकेंड तक बीप की आवाज सुनाई दी. सूत्रों के मुताबिक, मोसाद ने दरअसल पेजर के अंदर एक छोटा बोर्ड इंजेक्ट किया था, जिसमें विस्फोटक था. इस विस्फोटक को किसी डिवाइस या स्कैनर से डिकेक्ट करना बहुत मुश्किल है. इस बीच यह भी सामने आया कि इजरायल ने शेल कंपनी के जरिए हिज्बुल्लाह के पेजर्स और वॉकी-टॉकी में छेड़छाड़ की थी. इन डिवाइसों में विस्फोटक लगा हुआ था.
बता दें कि लेबनान पर यह हमला ऐसे समय पर किया गया, जब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन मंगलवार को ही मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंचे थे. हालांकि, ब्लिंकन ने लेबनान हमले में अमेरिका की किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया है.