
सार
काशी विद्यापीठ में महिला सुरक्षा व साइबर अपराध को लेकर आयोजित संगोष्ठी में कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि अपराध अपराधी की मानसिकता में होती है, वेशभूषा में नहीं।
विस्तार
महिलाओं के साथ किसी प्रकार का भेदभाव या अनुचित व्यवहार एक सामाजिक बुराई है। महिला सुरक्षा एवं उससे जुड़े अपराध के मुद्दों पर समाज को जागरूक करना हमारा सामूहिक दायित्व है। अपराध अपराधी की मानसिकता में होती है, वेशभूषा में नहीं। हमें इसी आपराधिक मानसिकता को ठीक करने की जरूरत है।
यह बातें काशी विद्यापीठ के यौन उत्पीड़न प्रतिषेध समिति की ओर से आयोजित ‘महिला सुरक्षा एवं साइबर अपराध’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहीं। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा और साइबर अपराध एक संवेदनशील मुद्दा है, जिस पर महिलाओं को हमेशा सतर्क रहने की जरूरत है।
मुख्य अतिथि वाराणसी जोन के पुलिस एडीजी पीयूष मोर्डिया ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने हिसाब से जीवन जीने का अधिकार है। इसका मतलब यह कतई नहीं कि वह दूसरों के जीवन में हस्तक्षेप करे, किसी की भावना को ठेस पहुंचाए। उसे अपनी सीमा में रहकर काम करना होगा। तभी व्यक्ति और समाज दोनों का कल्याण हो सकता है। वर्तमान समय में महिलाओं को अपने अधिकारों के विषय में समझने की जरूरत है। जब तक महिलाएं आत्मनिर्भर एवं जागरूक नहीं होंगी, तब तक उनके ऊपर अत्याचार हो सकता है।