
गाजियाबाद जिला न्यायालय ने दुष्कर्म के एक मामले में एक युवक को कठोर सजा सुनाई है। कोर्ट ने युवक को 15 साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने युवक पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि युवक ने पीड़िता को अकेला पाकर मौके का फायदा उठाया। गुरुवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय के जज निशांत मान की अदालत में मामले की अंतिम सुनवाई हुई।
HighLights
- गाजियाबाद में एक व्यक्ति ने अपने भाई की पत्नी से किया दुष्कर्म
- गाजियाबाद में दो भाइयों ने अपनी बहन से की छेड़छाड़
- गुरुवार को मामले की अंतिम सुनवाई विशेष पॉक्सो कोर्ट-1 के न्यायाधीश भरत यादव की अदालत में हुई
मौके का फायदा उठाया बलात्कारी
इस दौरान कमरे में उसकी पत्नी और चाचा का बेटा राजकुमार रह गए। राजकुमार ने मौके का फायदा उठाकर शख्स की पत्नी के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वह भाग गया। जब शख्स वापस लौटा तो उसकी पत्नी ने उसे घटना की जानकारी दी।
थाने में कराई रिपोर्ट दर्ज
इसके बाद व्यक्ति ने थाने पहुंचकर अपने चाचा के बेटे राजकुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने राजकुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गुरुवार को मामले की अंतिम सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय के न्यायाधीश निशांत मान की अदालत में हुई।
15 साल कैद की सजा
पेश किए गए साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने राजकुमार को दोषी करार देते हुए 15 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
नाबालिग छात्रा से मारपीट करने पर भाइयों को सजा
वहीं, गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र के एक मामले में अदालत ने नाबालिग लड़की से मारपीट और छेड़छाड़ के आरोपी दो भाइयों को दोषी करार देते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों आरोपियों पर 13,500-13,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स ने बताया कि लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला की नाबालिग बेटी कक्षा 10 में पढ़ती थी। महिला की बेटी 9 अगस्त 2018 को घर से स्कूल पढ़ने जा रही थी।
दोनों भाईयों ने बहनों के साथ की अश्लील हरकत
उन्होंने बताया कि इसी दौरान पड़ोस में रहने वाले दो भाइयों भूरे और रमेश ने छात्रा को रोक लिया और उसके साथ अश्लील हरकतें कीं। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की। जान से मारने की धमकी भी दी। शोर सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। इसके बाद दोनों भाई भाग गए।
छात्रा ने यह बात अपनी मां को बताई। अगले दिन छात्रा की मां ने पुलिस में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई और भूरे और रमेश को नामजद किया।
रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गुरुवार को मामले की अंतिम सुनवाई विशेष पॉक्सो कोर्ट-1 के न्यायाधीश भरत यादव की अदालत में हुई। पेश किए गए साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने भूरे और रमेश को दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई।