Ghaziabad News गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने मोदीनगर क्षेत्र के गांव बिसोखर के पास विकसित हो रही अवैध कॉलोनी को ध्वस्त कर दिया। बिसोखर के निकट 14 बीघा भूमि पर कॉलोनी बनाई जा रही थी। जीडीए अधिकारियों ने आर्थिक नुकसान से बचने के लिए लोगों से अपील करते हुए कहा कि अवैध कॉलोनियों में प्लॉट आदि की खरीद-फरोख्त ना करें।
HIGHLIGHTS
- अवैध कॉलोनियों में ना खरीदें प्लॉट
- जीडीए ने लोगों से की अपील
कॉलोनाइजर ने किया कार्रवाई का विरोध
अवैध कॉलोनियों में ना खरीदें प्लॉट
इस दौरान जीडीए अधिकारियों ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अवैध कॉलोनियों में प्लॉट आदि की खरीद-फरोख्त ना करें। ताकि बाद में किसी तरह की समस्या के साथ आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े।
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धीमी गति से चल रहा स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज का काम
मोहननगर में स्ट्रोम वाटर ड्रेनेज का काम धीमी रफ्तार से चल रहा है। सोमवार को नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने सीएम ग्रिड के तहत चल रहे कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने 80 मीटर स्ट्रीम वाटर ड्रेनेज के कार्य की रफ्तार बढ़ाने के निर्देश दिए।
मोहननगर चौराहे पर चल रहे कार्यों पर नगर आयुक्त ने निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश टीम को दिए हैं। इस मौके पर मुख्य अभियंता निर्माण नरेंद्र कुमार चौधरी, अधिशासी अभियंता देशराज, अवर अभियंता विनोद व अन्य उपस्थित रहे।
आम्रपाली इम्पायर को किया गया अंतिम नोटिस जारी
उधर, क्रॉसिंग रिपब्लिक की आम्रपाली इम्पायर सोसायटी के लोग दूषित पानी पी रहे हैं। बार-बार पानी के नमूने फेल हो रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को अंतिम बार नोटिस जारी कर कार्रवाई की चेतावनी दी। इस बार यदि पानी में सुधार नहीं होता है तो कार्रवाई की जाएगी।
आम्रपाली इम्पायर सोसायटी में लोगों ने दूषित पानी होने की शिकायत की थी। जिसके बाद विभाग ने पानी की जांच कराई। जांच में पानी का नमूने फेल हो गए है। सोसायटी को नोटिस जारी कर शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए कहा। इसके बाद भी सोसायटी के पदाधिकारियों ने सुनवाई नहीं की। विभाग ने एक के बाद एक कई बार पानी के नमूने लिए। हर बार जांच रिपोर्ट फेल हो गई।
लोगों ने विभाग के अधिकारियों से पानी की स्थिति में सुधार नहीं होने की शिकायत की। सोमवार को जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राकेश विभाग की टीम के साथ सोसायटी में पहुंचे। उन्होंने वहां नोटिस चस्पा किया। यदि इस बार सोसायटी में पानी में सुधार नहीं होता है तो अन्य विभागों के सहयोग से प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं फिर से पानी के नमूने लिए जाएंगे।