एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। आज के समय में मेकर्स एक्शन और सस्पेंस आधारित फिल्में ज्यादा बना रहे हैं। ऐसे में जरूरी विषयों पर बनने वाली फिल्मों की संख्या लगातार कम हो रही है। इस बीच अभिनेता आर माधवन की फिल्म हिसाब बराबर (Hisaab Barabar) ओटीटी पर रिलीज हुई है। ये मूवी एक आम आदमी से जुड़े महत्वपूर्ण टॉपिक को उठाने का काम करती है। जी हां, फिल्म की कहानी बैंक अकाउंट से जुड़ी है और हम सभी इसके ऊपर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। हम बाजार में पैसों की बचत करने के लिए दुकानदार से कई मिनटों तक बहस करते हैं, लेकिन अपने बैंक खाते से जुड़ी जानकारी को गंभीरता से नहीं लेते हैं। आइए, फिर जी5 पर रिलीज हुई आर माधवन स्टारर फिल्म की कहानी जानते हैं।

फिल्म की कहानी

मूवी की कहानी रेलवे टिकट चेकर राधे मोहन (आर माधवन) की है, जो हिसाब का बिल्कुल पक्का होता है। वह 1 रुपये से लेकर 50 पैसे के बीच के अंतर को बखूबी से समझता है। जवानी के दिनों में उसने एक लड़की को शादी से इनकार कर दिया था, क्योंकि वह हिसाब-किताब सही से नहीं जानती थी। फिल्म में उसकी नौकरी से लेकर जिंदगी की तमाम चुनौतियों को दिखाया गया है।
कहानी में ट्विस्ट आता है, जब राधे मोहन को बैंक के घोटाले के बारे में पता चलता है। खास बात है कि इस तरह की छोटी राशि के घोटाले पर कोई भी ध्यान नहीं देता है। एक दिन वह अपने बैंक खाते की पासबुक चेक करता है तो उसे पता चलता है कि खाते में से 27 रुपये 50 पैसे कट गए हैं। इसके तुरंत बाद वह बैंक जाकर शिकायत करता है। पहले तो बैंक वाले उसकी बात पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और टालने की कोशिश करते हैं, लेकिन बाद में जब ज्यादा हंगामा होता है तो वह उसे पैसे वापस करने के साथ ही, एक महंगा तोहफा भी देते हैं। इस मामले को गंभीरता से समझने के बाद उसे बैंक के घोटाले के बारे में पता चलता है, जो वह लाखों ग्राहकों के खाते से छोटी-छोटी रकम में वसूलते हैं। जब राधे ने इसे लेकर आवाज उठाने की कोशिश की, तो पूरा सिस्टम उसके खिलाफ हो जाता है और हर संभव तरीके से उसकी आवाज को दबाने के पीछे पड़ जाता है। इस कहानी का स्क्रीन पर चित्रण आपको आकर्षित कर सकता है।