
GRAP 4: दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फरमान जारी किया है. सरकार के निर्देश के मुताबिक दिल्ली में बाहर से आने वालीं केवल इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को ही अंदर घुसने की अनुमति मिलेगी.
नोएडाः दिल्ली-एनसीआर में हवा कितनी दमघोंटू है, यह बताने की जरूरत नहीं है. क्योंकि आंखों में जलन, सीने में घबराहट और सांसों में घरघराहट नजर आ रही है. इसे कुदरत का कहर कहें या फिर हम इंसानों का बोया हुआ जहर. हम युवा क्या बूढ़ें-बच्चे तक इस जहरीली हवा के बीच सांस लेने को मजबूर हैं. वैसे तो अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, लेकिन फिर भी सरकार की तरफ से कोशिश की जा रही है. इस बीच दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फरमान जारी किया है. सरकार के निर्देश के मुताबिक दिल्ली में बाहर से आने वालीं केवल इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को ही अंदर घुसने की अनुमति मिलेगी. यानी कि जो बड़ी गाड़ियां हैं, जिनमें सीएनजी और ईवी मॉडल नहीं आती है, उनको अनुमति नहीं मिलेगी. दिल्ली में आज से ग्रैप-4 लागू कर दिया गया है.
केंद्र की वायु गुणवत्ता समिति ने चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के चौथे चरण के तहत दिल्ली-एनसीआर के लिए कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों की घोषणा की है, जो सोमवार सुबह आठ बजे से प्रभावी होंगे. जीआरएपी के चौथे चरण के तहत ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और सार्वजनिक निर्माण परियोजनाओं पर अस्थायी रोक शामिल है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने यह आदेश तब जारी किया, जब दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया. दिल्ली में एक्यूआई शाम चार बजे 441 दर्ज किया गया, जो प्रतिकूल मौसम के कारण शाम सात बजे तक बढ़कर 457 हो गया.
आदेश के मुताबिक, आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर किसी भी ट्रक को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. आदेश के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों, सीएनजी वाहनों और बीएस-VI डीजल वाले वाहनों को छोड़कर दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहन भी प्रतिबंध के दायरे में होंगे. आदेश के मुताबिक, राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों पर अस्थायी रोक रहेगी.
सीएक्यूएम ने कक्षा 6 से 9 और कक्षा 11 के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने का सुझाव दिया है। इसने यह भी सिफारिश की कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कार्यालय 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करें, जबकि बाकी कर्मचारी घर से ही काम करें. समिति ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करने का विकल्प पेश किया जा सकता है. इसने कहा कि राज्य सरकारें कॉलेज बंद करने, गैर-जरूरी व्यावसायिक गतिविधियों को सीमित करने और वाहनों के लिए सम-विषम नियम लागू करने का भी निर्णय ले सकती हैं.
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.