
Isro saved Chandrayaan-2 from colliding with Korean orbiter: चंद्रयान-2 ऑर्बिटर और कोरियाई पाथफाइंडर लूनर ऑर्बिटर (केपीएलओ) दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं और अपना-अपना काम कर रहे हैं।
Isro saved Chandrayaan-2 from colliding with Korean orbiter: अंतरिक्ष से देश के लिए बड़ी खबर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-2 को तबाह होने से बचाया है। दरअसल, चंद्रयान-2 अपना काम करते हुए अंतरिक्ष में कोरियाई ऑर्बिटर से टकराने वाला था, लेकिन इससे पहले इसरो ने इस सिचुएशन को कंट्रोल कर लिया और इस बड़े हादसे को समय रहते टाल दिया।
जानकारी के अनुसार इसरो ने इस हादसे को रोकने के लिए कोरियाई ऑर्बिटर OM-87 संचालन में परिवर्तन किया। उसकी चंद्र कक्षा से निकटतम बिंदु को बढ़ा दिया, ऐसा करने पर वह चंद्रयान 2 से टकराने से बच गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि सटीकता और ठोस प्लानिंग से ऐसा संभव हो पाया है। बता दें अब चंद्रयान-2 ऑर्बिटर और कोरियाई पाथफाइंडर लूनर ऑर्बिटर (केपीएलओ) दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं और अपना-अपना काम कर रहे हैं।
इसरो की मासिक रिपोर्ट में दिया गया पूरा ब्यौरा
इसरो का यह महत्वपूर्ण ऑपरेशन है, ऐसे मिशनों के लिए इसरो के पास स्पेशल विशेषता हासिल है। बता दें लगातार अंतरिक्ष में बढ़ती हुई भीड़-भाड़ वाली चंद्र कक्षाओं में चंद्रयान 2 जैसे मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है। सूत्रों के अनुसार इसरो के सितंबर 2024 की मासिक रिपोर्ट में इस ऑपरेशन का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार चंद्रयान-2 ऑर्बिटर और केपीएलओ के बीच इस संभावित टकराव की आशंका 1 अक्टूबर के आसपास थी। इस बात का पता लगते ही इसरो ने तेजी से कार्रवाई की।
19 सितंबर को इस तरह चला पूरा ऑपरेशन
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 19 सितंबर को निर्धारित चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के लिए नियोजित युद्धाभ्यास को केपीएलओ के साथ निकट संपर्क को रोकने के लिए सावधानीपूर्वक संशोधित किया गया था। बता दें 2019 चंद्रयान-2 लॉन्च किया गया था, ये चंद्रमा की सतह की संरचना का अध्ययन कर रहा है। इसके अलावा इसकी मदद से वैज्ञानिक चंद्रमा पर संभावित जल-बर्फ जमाव का उसके मैप को स्टडी कर रहे हैं।