
सार
कि मां कात्यायनी देवी के दर्शन-पूजन से श्रद्धालुओं की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां को दही और हल्दी का लेपन करने से कुंवारी कन्याओं या लड़कों के विवाह विवाह जल्द हो जाता है।
विस्तार
वरात्रि का आज छठा दिन है। आज मां दुर्गा के छठे स्वरूप देवी कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। वाराणसी चौक क्षेत्र में सिंधिया घाट के ऊपर मां कात्यायनी देवी का मंदिर है। भोर से ही मां कात्यायनी के शृंगार और उनकी मंगला आरती के बाद उनके पट को दर्शन-पूजन के लिए खोला गया तो कतार में खड़े भक्त मां का जयकारा लगाते हुए दर्शन पूजन शुरू किया दर्शन-पूजन का यह सिलसिला देर रात तक अनवरत जारी रहेगा।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि मां कात्यायनी देवी के दर्शन-पूजन से श्रद्धालुओं की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। उन्होंने कहा मां को दही और हल्दी का लेपन करने से कुंवारी कन्याओं या लड़कों के विवाह विवाह जल्द हो जाता है। मंगलवार और गुरुवार के दिन यहां पर कुंवारी कन्याओं और कुंवारे लड़कों की लंबी कतार देखने को मिलती है |
कात्ययान ऋषि ने तपकर देवी से वरदान मांगा था कि आप पुत्री के रूप में मेरे कुल में पैदा हों। देवी ने कात्यायन ऋषि की प्रसन्नता के लिए अपना अजन्मा स्वरूप त्याग कर पुत्री रूप में जन्म लिया था। पिता के गोत्र से जुड़ने के कारण देवी का नाम कात्यायनी पड़ा।