
सार
ट्रेन को डिरेल करने की साजिश इस बार लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस के रूप में सामने आई है। सूचना है कि रेलवे ट्रैक पर बड़ा पत्थर रखा दिखाई दिया, चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगाया जिससे बड़ा हादसा टल गया। मौके पर सीओ आरपीएफ, आरपीएफ प्रभारी बीके सिंह, छपरा प्रभारी और क्षेत्राधिकरी बैरिया मो.उस्मान, थाना प्रभारी बैरिया रामायण सिंह दल – बल के साथ मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल में जुट गए। वाराणसी व जिला पुलिस की स्पेशल टीम ट्रैक पर पत्थर रखने वालों की तलाश में जुटी है।
विस्तार
लखनऊ- छपरा एक्सप्रेस को डीरेल करने की साजिश का खुलासा हुआ है। शनिवार को बलिया-छपरा रेलखंड के मांझी रेल पुल के पास रेलवे ट्रैक पर पत्थर रख बदमाशों ने लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस को डीरेल करने की कोशिश की। चालक की सूझबूझ से बड़ी घटना होने से बच गई। मामले की खबर लगते ही रेलवे महकमे में खलबली मच गई।
बताते चलें कि ट्रेन अपने नियत समय से सुरेमनपुर से छपरा के लिए लिए निकली थी, चालक को मांझी पुल के पहले सुबह 10.20 बजे बकुल्हा-मांझी के मध्य किमी 18-10 पर ट्रैक पर बड़ा पत्थर रखा हुआ दिखाई दिया, अचानक ट्रैक पर बड़ा पत्थर देख चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। जिससे यात्रियों में खलबली मच गई। इमरजेंसी ब्रेक लगने से इंजन का सेफ्टी गार्ड क्षतिग्रस्त हो गया। चालक, गार्ड व यात्रियों ने पत्थर को हटाया और ट्रेन को आगे बढ़ाया गया।
मांझी स्टेशन पहुंकर स्टेशन मास्टर रंजन कुमार को मेमो उपलब्ध कराया गया जिनके माध्यम से घटना की सूचना कंट्रोल को दी गई।सूचना के बाद छपरा, बलिया, वाराणसी व गोरखपुर के सुरक्षा अधिकारी व इंजीनियरों की टीम कुछ घंटे में मौके पर पहुंच गई इसके साथ ही सीओ आरपीएफ, आरपीएफ प्रभारी बीके सिंह, छपरा प्रभारी और क्षेत्राधिकरी बैरिया मो.उस्मान, थाना प्रभारी बैरिया रामायण सिंह दलबल के साथ पहुंचे और जांच पड़ताल में जुट गए। वाराणसी व जिला पुलिस की स्पेशल टीम ट्रैक पर पत्थर रखने वालों की तलाश में जुटी है। रेलवे पीआरओ अशोक कुमार की माने तो मामले की जांच की जा रही है परिचालन में कोई समस्या नहीं है।