
जीडीए अवैध निर्माण पर लगाम लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक का इस्तेमाल करने जा रहा है। एचडीएफसी के साथ करार के तहत अगले महीने से एक सॉफ्टवेयर काम करना शुरू कर देगा जो सैटेलाइट इमेजरी और डेटा एनालिसिस के जरिए अवैध निर्माणों की पहचान करेगा। इस तकनीक से जीडीए को अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने में मदद मिलेगी और शहर में नियोजित विकास को बढ़ावा मिलेगा।
HighLights
- अगले माह तक सॉफ्टवेयर होगा तैयार, अफसर कार्यालय से रखेंगे नजर
- 500 वर्ग मीटर के भूखंड पर यदि कोई अवैध निर्माण करेगा तो पकड़ा जाएगा
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। अवैध निर्माण पर नजर रखने के लिए जीडीए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक का इस्तेमाल करेगा। इसके लिए सॉफ्टवेयर डेवलप किया जा रहा है। जीडीए की कॉलोनियों में या 500 वर्ग मीटर के भूखंड पर यदि कोई अवैध निर्माण करेगा तो तो वह पकड़ा जाएगा। जीडीए ने एचडीएफसी से करार किया है। अगले माह सॉफ्टवेयर काम करने लगेगा।
विकास प्राधिकरण के आठ जोन हैं, जिनमें सैटेलाइट के जरिए संपत्तियों की मैपिंग आरंभ की गई है। क्षेत्रवार तस्वीर के साथ डाटा तैयार कर एआई तकनीक से अवैध निर्माण पर लगाम कसने की तैयारी है। जीडीए को आए दिन प्रत्येक जोन में होने वाले अतिक्रमण और अवैध निर्माण की शिकायतें मिलती हैं।