
Turkey On Kashmir Issue: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) में 19 साल बाद पहली बार तुर्की ने कश्मीर मुद्दे पर कुछ नहीं बोला है. इससे पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका लगा है. आइए जानते हैं तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने ऐसा क्यों किया है.
नई दिल्ली: कश्मीर मामले पर UN में पाकिस्तान हमेशा भारत के खिलाफ जहर उलगता रहा है. वहीं तुर्की भी इस मामले पर पाकिस्तान का साथ देता है. लेकिन इस बार तुर्की ने पाकिस्तान को दगा दे दिया है. कश्मीर मामले पर तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र में चुप्पी साध ली है. साल 2019 में आर्टिकल 370 को निरस्त करने के बाद पहली बार तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) में अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे का उल्लेख नहीं किया है.
यह ऐसे समय में हुआ है जब तुर्की ब्रिक्स समूह का हिस्सा बनने के लिए प्रयास कर रहा है. न्यूयॉर्क में 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा, “हम ब्रिक्स के साथ अपने संबंधों को विकसित करने की अपनी इच्छा को बनाए रखते हैं, जो उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है.”
BRICS में शामिल होना चाहता है तुर्की
ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका – ने पिछले साल समूह का विस्तार करने का फैसला किया था. मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को इसमें शामिल किया गया है और वे 1 जनवरी, 2024 से इसके सदस्य बन गए हैं. सभी सदस्यों के 22 से 24 अक्टूबर तक रूस के कज़ान में होने वाले ब्रिक्स नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है.
पुतिन की चाहत BRICS में शामिल हो तुर्की
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एर्दोगन अगले महीने रूस में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, क्योंकि तुर्की ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह में शामिल होने का अनुरोध किया है. पुतिन ने कहा कि वह 23 अक्टूबर को एर्दोगन से मिलने वाले हैं. अगर उन्हें शामिल किया जाता है, तो तुर्की इस समूह में पहला नाटो सदस्य बन जाएगा.
एर्दोगन ने पाकिस्तान का दिया साथ
पिछले पांच सालों में एर्दोगन पाकिस्तान के अलावा एकमात्र राष्ट्राध्यक्ष थे, जिन्होंने यूएनजीए में कश्मीर का मुद्दा उठाया था. सितंबर 2019 में एर्दोगन ने “कश्मीर पर विवाद” के बारे में बात की थी और कहा था, “कश्मीर के लोगों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए, उनके पाकिस्तानी और भारतीय पड़ोसियों के साथ, विवाद को संघर्ष के बजाय न्याय और निष्पक्षता के आधार पर बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए”.
इस बार तुर्की ने गाजा की उठाई बात
मंगलवार को UNGA के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए एर्दोगन ने कहा, “गाजा में न केवल बच्चे मर रहे हैं; संयुक्त राष्ट्र प्रणाली भी मर रही है, सच्चाई मर रही है, पश्चिम जिन मूल्यों की रक्षा करने का दावा करता है वे मर रहे हैं, मानवता की एक बेहतर दुनिया में रहने की उम्मीदें एक-एक करके मर रही हैं.”