
सार
मेरठ में शारदा ग्रुप के ठिकानों पर ईडी की कार्रवाई के बाद चंडीगढ़ तक तार हिल गए हैं। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मोहिंदर सिंह पर साल 2007 से 2011 के बीच बसपा सरकार के कार्यकाल में लखनऊ में 1400 करोड़ के घोटालों और नोएडा में निजी बिल्डर को 330 फ्लैट बनवाने में फायदा पहुंचाने का आरोप है।
विस्तार
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के बाद हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के गबन की परतें खुलने लगी हैं। नोएडा से होते हुए मेरठ और चंडीगढ़ तक कड़ी जुड़ रही हैं। प्रमोटरों को बिना किसी राशि के निवेश के जमीन आवंटित कर दी गई।
घर खरीदारों से 636 करोड़ रुपये एकत्र किए गए। इसमें से लगभग 190 करोड़ रुपये का गबन किया। इस प्रोजेक्ट से जुड़े मेरठ के साकेत निवासी शारदा ग्रुप के आदित्य व आशीष गुप्ता से जुड़ी एक कंपनी ने एक महीने पहले मेरठ में 91 करोड़ की जमीन खरीदी है। जहां पर ग्रुप हाउसिंग बनाने की तैयारी है। माना यह जा रहा है कि यह सौदा भी जांच के दायरे में आ सकता है।
नोएडा में हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लोटस 300 प्रोजेक्ट में 330 फ्लैट बनाने के लिए निवेशकों से 636 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। आरोप है कि कंपनी ने लोगों को फ्लैट देने के बजाय प्रोजेक्ट की सात एकड़ भूमि अन्य बिल्डर को विक्रय कर दी थी। इसके बाद निवेशकों ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा में शारदा ग्रुप के खिलाफ केस कराए थे। मामला कोर्ट पहुंचा जहां से ईडी को जांच के आदेश हुए। शारदा ग्रुप के मालिकों के मेरठ साकेत स्थित बंगला-192ए पर मंगलवार को ईडी ने इसी कड़ी में कार्रवाई की थी।
रिठानी में उनके दफ्तर और गगोल रोड की फैक्टरी में भी जांच की। जिसमें पांच करोड़ रुपये के हीरे भी मिले। बताया गया है कि मेरठ के पूर्व कमिश्नर मोहिंदर सिंह की भूमिका जांच चल रही है, जोकि नोएडा के चेयरमैन और सीईओ भी रह चुके है। मेरठ में कमिश्नर रहने के दौरान गुप्ता बंधु से गठजोड़ होना बताया गया।
बड़े ग्रुप हाउसिंग से भी जुड़े हैं तार
ईडी ने गुप्ता बंधु का रिकाॅर्ड खंगाला, जिसमें पिछले महीने 91 करोड़ रुपये में मेरठ में जमीन खरीदने की बात सामने आई है। जिस कंपनी ने जमीन खरीदी है वह इसी परिवार से जुड़ी बताई जा रही है। जमीन पर ग्रुप हाउसिंग को विकसित करने की तैयारी है। शहर की विभिन्न सुविधाओं से युक्त कॉलोनी बसाने का भी दावा किया जा रहा था। इसके अलावा दिल्ली-देहरादून हाईवे पर कई साै बीघा जमीन खरीद का भी एक मामला सामने आया है।