
Success Story : असम-मेघालय कैडर के आईपीएस प्रतीक थुबे ने अपने करियर चुनने का दिलचस्प तरीका शेयर किया है. 2013 बैच के आईपीएस प्रतीक थुबे ने बताया कि उन्होंने बीटेक के बाद करियर चुनने के लिए एक साल का ब्रेक लिया. फिर कई लोगों से मिले. आखिरकार उनका दिल यूपीएससी पर आया और फिर पुलिस अधिकारी बनना तय किया.
Success Story : कई बच्चे परिवार के दबाव में गलत करियर चुन लेते हैं. असम-मेघालय कैडर के एक आईपीएस अधिकारी प्रतीक थुबे ने पुलिस सेवा चुनने का अपना अपना दिलचस्प तरीका शेयर किया है. वीम टेल्स नाम के यूट्यूब चैनल को दिए गए इंटरव्यू में आईपीएस प्रतीक थुबे ने बताया कि उन्होंने 12वीं के बाद करीब 10 प्रवेश परीक्षाएं दी. जिसमें मर्चेंट नेवी, जेईई, बिट्स पिलानी की प्रवेश परीक्षा, महाराष्ट्र सीईटी जैसी प्रवेश परीक्षाएं शामिल थी. इनमें से कई परीक्षाएं पास भी की. लेकिन टॉप रैंक किसी में नहीं थी.
आईपीएस प्रतीक थुबे आगे कहते हैं, मैने सोचा एक साथ दस काम करोगे तो प्रॉबलम होगी ही. इसके बाद उन्होंने पुणे के विश्वकर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (VIIT) से बीटेक किया.
बीटेक के बाद लिया करियर चुनने के लिए ब्रेक
आईपीएस प्रतीक थुबे बताते हैं कि उन्होंने करियर चुनने के लिए बीटेक के बाद एक साल का ब्रेक लिया. इस दौरान अधिकारियों से लेकर बिजनेसमैन तक से मिले. विदेश में हायर स्टडी के ऑप्शन भी देखे. लेकिन उन्हें किसी में किसी में भी खास किक नहीं मिला. अंतत: उन्हें सिविल सेवा सेवा पसंद आई और फिर इसकी तैयारी शुरू की.
मराठी माध्यम से दी यूपीएससी परीक्षा
आईपीएस प्रतीक थुबे ने यूपीएससी 2012 ऑल इंडिया 248वीं रैंक से पास की और पुलिस अधिकारी बने. खास बात यह भी है कि उन्होंने यूपीएससी मराठी माध्यम से दी. उन्होंने इंटरव्यू भी मराठी में ही दिया था. उन्हें यूपीएससी इंटरव्यू में 220 मार्क्स मिले थे.