
Haryana Chunav: हरियाणा में कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव में 89 सीटों पर लड़ रही है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीएम पद की रेस में सबसे आगे हैं. हालांकि, कांग्रेस बिना चेहरे के चुनाव लड़ रही है. कुमारी सैलजा का सीएम पद पर दावा खत्म हो गया है.
चंडीगढ़. हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections 2024) के दौरान कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी साफ नजर आ रही थी. लेकिन अब दो गुटों की टक्कर में भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूरी तरह से हावी हो गए हैं. कुमारी सैलजा, सुरजेवाला गुट विधानसभा चुनाव की लड़ाई में अब पूरी तरह से हुड्डा गुट के आगे सरेंडर कर गया है. कुमारी सैलजा (Kumar Seilja) तो अब चुनाव प्रचार से भी गायब हो गई हैं. वहीं, सुरजेवाला केवल अपने बेटे की सीट पर प्रचार तक सीमित रह गए हैं.
दरअसल, हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की तरफ से तीन धड़े थे. इसनें से एक धड़ा कुमारी सैलजा का भी है. लेकिन सीएम पद पर दावा ठोक रही कुमारी सैलजा को विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने टिकट नहीं दिया. चुनाव की घोषणा के बाद टिकट आवंटन हुआ. इस दौरान सैलजा एक्टिव रही, बीते एक सप्ताह के बाद से अब वह चुनाव प्रचार से गायब नजर आ रही हैं. बीते पांच दिन में सैलजा ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है. अहम बात है कि दिल्ली में बुधवार को कांग्रेस ने अपना मैनिफेस्टो जारी किया और कुमारी सैलजा वहां नजर नहीं आई. जबकि, वह कांग्रेस पार्टी का हरियाणा में बड़ा दलित चैहरा हैं. सोशल मीडिया पर भी सैलजा ने चुनाव प्रचार से जुड़ी हुई अंतिम पोस्ट 15 सितंबर को डाली थी.
कुमारी सैलजा की हुड्डा से तकरार
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कुमारी सैलजा भी सियासी मैदान में उतरना चाहती थी. लेकिन सैलजा को कांग्रेस पार्टी ने टिकट ये कहते हुए नहीं दिया कि किसी भी सासंद को विधानसभा चुनाव लड़वाया नहीं जाएगा. सैलजा ने तमाम कोशिशें की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. वह लगातार सीएम पद को लेकर दावा ठोकती रहीं, लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आगे वह टिक नहीं पाई.
दावा करती रहीं लेकिन बाजी हुड्डा मार गए
कुमारी सैलजा लगातार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद के लिए दावा ठोंक रहीं लेकिन पार्टी में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चली. 89 सीटों पर कांग्रेस ने टिकट दिए हैं, जिसमें से सबसे अधिक हुड्डा के समर्थक हैं. 70 फीसदी से अधिक टिकट हुड्डा खेमे को दिए गए हैं.
सैलजा पांच दिन से गायब
कुमारी सैलजा सोशल मीडिया के जरिये अपनी गतिविधियों की जानकारी दे रही थीं. लेकिन बीते पांच दिन से एकदम से वह चुनाव प्रचार से गायब हो गए हैं. अब वह प्रचार से जुड़ी वीडियो शेयर नहीं कर रही हैं. अहम बात हैं कि सैलजा ने जितने भी सियासी पोस्टर जारी किए हैं, उनमें एक में भी हुड्डा नहीं हैं. कांग्रेस के मैनिफेस्टो की लॉन्चिंग के दौरान भी वह गायब रही हैं. ऐसे में अब कहीं ना कहीं माना जा रहा है कि कुमारी सैलजा ने हथियार डाल दिए हैं और अब प्रदेश की सियासत में लौटने के लिए उन्हें फिर से इंतजार करना पड़ेगा.