

खबर के मुताबिक, सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत एक बड़ा प्रभावशाली खिलाड़ी होगा, यह पहले से ही मायने रखता है और साल 2047 तक वैश्विक मामलों में यह और भी अधिक मायने रखेगा। सुब्रह्मण्यम ने कहा कि 2047 तक भारत जनसांख्यिकी के लिहाज से दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक होगा, जो समृद्धि की ओर अग्रसर होगा, जिसकी अनुमानित प्रति व्यक्ति आय लगभग 18,000 से 20,000 अमेरिकी डॉलर होगी। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत पिछले दशक में प्राकृतिक आपदाओं और गरीबी जैसी चुनौतियों से निपटने में की गई पर्याप्त प्रगति के आधार पर एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभरने की उम्मीद है।
नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि हरित अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है, और आयोग 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए एक मार्ग विकसित करने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमने एक टास्क फोर्स का गठन किया है और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ काम कर रहे हैं। नीति आयोग के सीईओ ने वैश्विक मूल्य शृंखलाओं (जीवीसी) के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार बेहतर रणनीति बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों और सेवाओं पर काम कर रही है।
सुब्रह्मण्यम ने कहा कि शहरी विकास और बुनियादी ढांचा महत्वपूर्ण है, शहरों को विकास को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक केंद्रों के रूप में डिजाइन किया गया है। उनके मुताबिक, निजी क्षेत्र को इनवेशन और निवेश में अग्रणी होना चाहिए, जिसे एक सक्षम वातावरण द्वारा समर्थित किया जाना चाहिए जो पोर्टफोलियो और प्रत्यक्ष निवेश दोनों को आकर्षित करता है। इसके अतिरिक्त, नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि वैश्वीकरण को आगे बढ़ाने के लिए आपूर्ति शृंखलाओं में सुधार जरूरी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आखिरकार, राज्य स्तर पर सुधार और सहकारी संघवाद के प्रति प्रतिबद्धता समावेशी विकास सुनिश्चित करेगी, जिससे भारत एक वैश्विक दिग्गज के रूप में उभरेगा और एक समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर होगा।
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