
सार
विवाद बढ़ने पर गणेश पंडाल के आयोजकों ने सफाई दी है और कहा कि ‘हमने जानबूझकर बाजीराव मस्तानी की थीम नहीं चुनी थी, लेकिन दुर्भाग्य से चीजें वैसी नहीं हुईं, जैसी उम्मीद की गई थी। इससे गलतफहमी पैदा हुई।’
विस्तार
देश में इन दिनों गणेश उत्सव की धूम है। तेलंगाना भी इससे अछूता नहीं है। हालांकि तेलंगाना के सिकंदराबाद में उत्सव के इस उत्साह पर एक विवाद का साया पड़ गया है। दरअसल सिकंदराबाद के एक गणेश पंडाल में जो भगवान गणेश की प्रतिमा है, उसे आयोजकों ने बाजीराव मस्तानी की थीम पर सजाया है। जिसे लेकर विवाद हो गया है। दरअसल सोशल मीडिया पर यूजर्स आरोप लगा रहे हैं कि भगवान गणेश को जिस थीम पर सजाया गया है, उससे भगवान गणेश का पहनावा मुस्लिमों के पहनावे जैसा लग रहा है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
आयोजकों ने विवाद पर दी सफाई
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने आरोप लगाया है कि आयोजकों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। वहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की आजादी से जोड़कर देख रहे हैं। विवाद बढ़ने पर गणेश पंडाल के आयोजकों ने सफाई दी है और कहा कि ‘हमने जानबूझकर बाजीराव मस्तानी की थीम नहीं चुनी थी, लेकिन दुर्भाग्य से चीजें वैसी नहीं हुईं, जैसी उम्मीद की गई थी। इससे गलतफहमी पैदा हुई। हमारा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।’ आयोजकों ने सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना पर निराशा जाहिर की और कहा कि इस गलतफहमी के लिए गणेश प्रतिमा के कलाकार का डिजाइन जिम्मेदार है।
विवाद पर आयोजकों ने बयान जारी कर कहा कि ‘हम चाहते हैं कि उत्सव शांतिपूर्ण तरीके से मनाया जाए। हम जैसा चाहते थे, थीम वैसी नहीं बनी, लेकिन अब हम इस पर विवाद बढ़ाना नहीं चाहते।’ आयोजकों ने लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से त्योहार मनाने की अपील की।